तेलंगाना और आंध्र के गांवों की सीमा पर कांटों से बाउंड्री बनाई जा रही; तमिलनाडु में ई-कॉमर्स कंपनियों को होम डिलीवरी की छूट

देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन के बीच तेलंगाना और आंध्र के गांवों ने सामाजिक दूरी बनाने के लिए एक अच्छा उदाहरण दे रहे हैं। लोगों ने गांव के बाहर कांटों से लक्ष्मण रेखा बना ली है। इसके साथ ही संदेश लिखा गया है कि हम आपके गांव नहीं आएंगे और आप हमारे गांव मत आना। तेलंगाना और आंध्र के सैकड़ों गांवों में यही नजारा देखने में आ रहा है।
 
हैदराबाद में मकान मालिक डॉक्टर्स और स्टूडेंट्स से कमरे खाली करवा रहे
इधर, हैदराबाद के कई होस्टल और पीजी मालिक, छात्रों को कमरे खाली करने का कह चुके हैं। ऐसे में करीब 6 हजार से ज्यादा छात्र पुलिस थानों में उन्हें उनके घर भेजने की अपील करते हुए नजर आए। पुलिस ऐसे छात्रों के लिए एक लेटर जारी कर रही है ताकि ये स्टूडेंट्स सीधे अपने घर पहुंच सके। वारंगल में भी डॉक्टरों को ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा। यहां डॉक्टरों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि उन्हें घर खाली करने के लिए कहा जा रहा है।



विजयवाड़ा में लोग एक-एक मीटर की दूरी पर खड़े होकर सब्जी खरीदने की बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। 


व्यक्ति सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन किसी ने हाथ नहीं लगाया
तेलंगाना के करीमनगर में पिछले दिनों 8 मामले आने से यह क्षेत्र हाई अलर्ट पर है। लोग इस कदर डरे हुए हैं कि अगर कोई शख्स सड़क पर गिरा हुआ है तो उसे कोई छू भी नहीं रहा। ऐसी ही एक घटना में सब्जी लेने आया व्यक्ति हार्ट अटैक के कारण वहीं गिर पड़ा, लेकिन देर तक कोई भी उसके नजदीक नहीं आया। जब मेडिकल टीम वहां पहुंची, तो वह मृत पाया गया।
 
आंध्र सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए कानून भी बनाया
आंध्र में 8 और तेलंगाना में 39 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। फिलहाल दोनों ही राज्यों में देशभर में लॉकडाउन का पहला दिन असरदार रहा। लोगों ने खुद को घरों में कैद रखा। जहां कहीं भीड़ नजर आई, वहां प्रशासन ने सख्ती से कंट्रोल किया। इन सब के बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के नाम से एक नया कानून भी बनाया है, जिसके तहत संदिग्ध मरीज को अपने अधीन लेने का अधिकार सरकारी कर्मचारियों को दिया गया है। इसमें जरूरत पड़ने पर निजी अस्पताल को भी आइसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग में लाने का प्रावधान रखा गया है। घर-घर में सर्वे कराया जा रहा है।


तमिलनाडु: कक्षा 1 से 9 तक के छात्रों की सभी परीक्षाएं रद्द, अब अगली कक्षा में सीधा एडमिशन मिलेगा 


चेन्नई से श्रेष्ठा तिवारी. मंगलवार शाम 6 बजे से ही पुलिस ने तमिलनाडु के अलग-अलग शहरों में धारा 144 लागू करना शुरू कर दिया था। राज्य में सरकारी बसे बंद हैं। हर गली में पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है। एक इलाके से दूसरे इलाके की सीमा पर चेक पोस्ट हैं। बाहर निकल रहे लोगों को बेवजह न घूमने की सलाह दी जा रही है। उन्हें मास्क पहनने के लिए भी कहा जा रहा है। जो लोग होम क्वारैंटाइन किए गए हैं, अगर वे इसका उल्लंघन कर रहे हैं तो उन पर केस भी दर्ज किया जा रहा है। इसके साथ ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कक्षा-1 से 9 तक सभी स्टूडेंस्ट की परीक्षा रद्द कर दी है। इन बच्चों को अब बिना परीक्षा ही अगली कक्षा में एडमिशन मिलेगा। 12वीं के जो छात्र मंगलवार को परीक्षा नहीं दे पाए, उनके लिए वैकल्पिक तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। 



चेन्नई में होम क्वारैंटाइन का उल्लंघन करने वालों पर केस दर्ज किए जाएंगे।


जहां भी भीड़ की खबर मिलती है, वहां पुलिस तुरंत पहुंच रही
जरूरी चीजें जैसे दूध, फल-सब्ज़ी, किराने का सामान की सुविधा बनी रहे, इसके लिए छोटी दुकानें और सब्जी मंडिया खुली हुई हैं। कुछ मंडियों पर सुबह लोगों की भीड़ दिखाई दी, जिसे पुलिस ने सख्ती से कंट्रोल किया। चेन्नई नगर निगम के मुताबिक, चाय की दुकानें बुधवार शाम 6 बजे से बंद करवा दी जाएंगी। सिर्फ सूखा राशन और सब्जियां ही सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत होम डिलिवर की जाएगी। 
 
ई-कॉमर्स कंपनियों को जरूरी चीजों की होम डिलिवर की छूट
चेन्नई नगर निगम ने ई-कॉमर्स कंपनियों को जरूरी चीजों की होम डिलिवर करने की छूट दी है। हालांकि, इसके लिए कंपनियों को पूरी सुरक्षा और सतर्कता बरतने को कहा गया है। अगर कोई कम्पनी जांच के दौरान इसका उल्लंघन करती दिखी तो उनको मिली छूट रद्द कर दी जाएगी। प्राइवेट फूड डिलेवरी कंपनियां और एजेंसी जैसे जोमेटो, स्विगी और ऊबर ईट्स पर यहां प्रतिबंध है। नगर निगम ने महामारी से निपटने के लिए और जरूरतमंदों की मदद के लिए जनता और गैर सरकारी संगठनों से दान लेने के लिए भी नोटिस जारी किया है।